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चार महीने के मासूम के दिल में हैं दो बड़े छेद, इंदौर प्रशासन ने एयर लिफ्ट कर भेजा दिल्ली, सब मांग रहे दुआएं

इंदौर. देश का सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर केवल सफाई में ही नंबर वन नहीं है, बल्कि मानवीयता निभाने और समाजसेवा में भी अव्वल है. इसका जीता जागता उदाहरण 7 मई को उस वक्त देखने को मिला, जब महू में पदस्थ आर्मी जवान के बेटे को इंदौर जिला प्रशासन ने एयर लिफ्ट कर दिल्ली भिजवाया. इसके लिए चोइथराम अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया. दरअसल देश सेवा में तैनात आर्मी जवान दिनेश जोगचंद्रा के चार माह के बेटे गुरीश के दिल में दो बड़े छेद हैं. इससे उसके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ रहा है. जन्म के बाद से ही अलग-अलग अस्पतालों में उसका इलाज चलता  रहा. गुरीश के पिता इलाज में अपनी जमा पूंजी लगा चुके हैं. अब आगे के इलाज के लिए उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.

उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को मेरे पास इलाज के लिए पैसे नहीं बचे थे. अस्पताल का बिल 2 लाख 32 हजार रुपये था, लेकिन मेरे पास 1 लाख 38 हजार रुपये ही थे. इसके बाद सीएम फंड से 90 हजार, अदभुत कम्युनिटी से 70 हजार, समाधान सोसायटी से साढ़े 9 हजार और डॉ. रुचि ने पांच हजार रुपये की मदद की. वहीं, तीन दिन की दवाइयों का खर्च डॉ. रमेश डोसी ने उठाया. गुरिश के बेहतर इलाज के लिए समाजसेवी संस्थाओं ने ही मिलकर इंदौर के सभी नामी हॉस्पिटल और डॉक्टरों से सम्पर्क किया. हॉस्पिटल प्रशासन ने गुरिश को अहमदाबाद या दिल्ली रेफर करने की सलाह दी.

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कलेक्टर इलैयाराजा टी.ने तुरंत लिया एक्शन
संस्थाओं ने अपने अपने स्तर पर धन राशि एकत्रित की, लेकिन इतने पैसे में इलाज संभव नहीं था. ऐसे में जब समाज सेवी संस्थायें हिम्मत हारने वाली थी, तब इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी. से संपर्क कर मदद मांगी गई. रविवार को अवकाश होने के बावजूद जिला प्रशासन ने सैनिक को मदद का आश्वासन दिया और बच्चे को एयरलिफ्ट करने की बात कही. इंदौर के आज तक के इतिहास में यह  गौरवान्वित करने वाला पल था, जहां इतने कम समय मे इंदौर प्रशासन सहायता के लिए उपस्थित था.

ग्रीन कॉरिडोर से बचा समय
दिल्ली से एयर एंबुलेंस को इंदौर बुलवाया गया. मेदान्ता हॉस्पिटल से लाइफ सेविंग एम्बुलेंस के साथ डॉक्टर संकल्प अपनी टीम के साथ उपस्थित थे. बच्चे की हालत गंभीर थी, इसलिए समन्वय के बाद ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल से एयरपोर्ट तक 10 मिनट में ले गए. एंबुलेंस के साथ पुलिस वाहन भी चलता रहा. अपर कलेक्टर अभय बेडेकर खुद 4 घंटे  चोइथराम हॉस्पिटल में रहे और अपनी देखरेख मे एयर लिफ्ट करने की प्रकिया पूरी की. समाजसेवी संस्थाओ की ओर से अमित सिंघल इलाज में मदद करने के लिए बच्चे के साथ दिल्ली गए, जिससे  परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता तुरन्त प्राप्त हो सके.

मासूम के ठीक होने की राह देख रहा पूरा परिवार
मासूम के पिता दिनेश बताते हैं कि गुरीश काफी मान-मन्नत के बाद हुआ है, लेकिन दिल में छेद के कारण सभी चिंतित हैं. पूरा परिवार उसके ठीक होने की प्रार्थना कर रहा है. उनकी दो बेटियां हैं. खुशी 8 साल की है और खुशबू 7 साल की है. दोनों घर में अपने भाई के आने की राह देखती रहती हैं. गुरीश की मां रचना चार माह से उसके साथ है. चोइथराम अस्पताल में मंदिर बना हुआ है. वहीं, बैठकर वो दिनभर अपने बच्चे के स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करती रहीं. गुरीश जब दिल्ली के लिए रवाना हुआ तो दादा-दादी की आंखों में आंसू आ गए. वे एक-दूसरे को हिम्मत देते रहे कि अब हमारा पोता स्वस्थ होकर जल्द लौटेगा. प्रशासन ने जो हमारी मदद की है, उसके लिए हम लोग हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे.

Tags: Indore news, Mp news

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