मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर पटना के पुनाईचक स्थित नेहरू पार्क में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने नीति आयोग के मीटिंग में शामिल नहीं होने की वजह बताई; उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पं. जवाहर जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर हर वर्ष हम तय कार्यक्रम में शामिल होते हैं, नीति आयोग की मीटिंग को लेकर उन्होंने पहले ही सूचना भेज दी थी कि हमारा पूर्व से यह कार्यक्रम तय था। अगर नीति आयोग की मीटिंग दोपहर को होती तो हम सुबह यह कार्यक्रम खत्म होने के बाद वहाँ पहुँच जाते, लेकिन वहाँ भी कार्यक्रम सुबह में ही था। इसलिए हम ने बिहार सरकार के प्रतिनिधित्व के लिए अपने कई अधिकारियों का नाम भेजा गया, परंतु उधर से स्वीकृति नहीं मिली। नीति आयोग के मीटिंग में जाने पर हम फिर से बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा का मांग करते, हम विकास कार्य में लगे हैं, लेकिन केंद्र अगर इसे विशेष राज्य का दर्जा दे देती तो राज्य खूब आगे बढ़ गया रहता।
विपक्ष का पलटवार
सम्राट चौधरी : नीतीश कुमार के रवैये पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसे देश और बिहार के लिए शर्मनाक हरकत बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के भीतर अहंकार है, इसी वजह से वह मीटिंग में नहीं पहुंचे। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री चौधरी ने कहा कि नीति आयोग के बैठक में इस बार 100 प्वाइंट तय थे, जिन पर चर्चा की जानी थी, मुख्यमंत्री नये संसद के लोकार्पण में नहीं गए ये उनका अपना विशेषाधिकार है, परंतु यह सभा तो बिहार की जनता के हित में था, वे ख़ुद से CM नहीं बने हैं, जनता हूँ मुख्यमंत्री बनाई है। यह लोकतंत्र का सरासर अपमान है, नीतीश कुमार समझौतावादी हो गए हैं, अब उन्होंने भ्रष्टाचारियों के साथ समझौता कर लिया है।

Author: Neutral Journalism



