Neutral Journalism

संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद जीतन राम मांझी नीतीश सरकार की पोल खोल कर रख दिया।

जब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एकमात्र मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन (मंत्री बिहार सरकार) बिहार कैबिनेट से इस्तीफा दे रहे थे, तब से कुछ ही समय बाद मीडिया से मुखातिब होते JD(U) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि “हाँ मांझी जी को पार्टी को मर्ज करने को कहा गया था, परंतु उन्होंने नहीं माना, इस तरह की छोटी-छोटी दुकान चलाने से क्या फायदा।”

ललन सिंह के इस बयान जीतन राम मांझी ने ललन सिंह को केंद्र में रखते कई सारी बातों को साझा किया है।

एक निजी चैनल से बात करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कई बातों को साझा किया है, उनका कहना है कि अगर हम पार्टी का मर्जर JD(U) से होता है तो हमारा कोई अस्तित्व नहीं रह पाएगा, ललन सिंह कह रहे हैं ‘छोटी दुकान’, इसका अर्थ होता खरीद-फरोख्त, जहाँ खरीद-फरोख्त का कोई मामला नहीं है, मामला सिर्फ अपना अस्तित्व बचाना था। मैं सरकार के सभी मामलों पर खुलकर बोलते रहा, मैं एक आई ओपनर का काम सरकार के लिए करता रहा है। सरकारी विकास कार्य जमीन पर असफल है मुझे अपने क्षेत्र के लोग कोसते थे; की आप सरकार चला रहे हैं परंतु क्षेत्रों में विकास क्यों नहीं हो रहा है ? इस सवाल पर मैं चुप रह जाता था। इसलिए मैं अपने सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री जी से मिलने गया था, मुलाकात के उस 45 मिनट में सिर्फ मेरी पार्टी को खुद की पार्टी में विलय कराने की बात कहते रहे। कुछ समय के लिए मुझे गुस्सा भी आया। उनके पार्टी में खुद की पार्टी को मर्जिंग करने के प्रस्ताव को मैं सीधे ठुकरा दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि फिर निकल जाइये, दो-दो बार कहा कि आप निकल जाइए। आपको पता है हमारी पार्टी डेमोक्रेटिक है हमने तुरंत कोर कमेटी की बैठक बुलाया और सभी विधायकों के एक सुर में कहा हम मर्ज नहीं करेंगे। तब मैं गया जा रहा था और मुझे फोन कर पूछा गया कि आप पटना कब आ रहे हैं? मैंने कहा 12 को आऊंगा फिर मैंने 13 तारीख के सुबह विजय चौधरी के सामने अपना मत रखा इसके बाद उन्होंने गठबंधन से मुझे मुक्त कर दिया। मांझी ने खुद को मुख्यमंत्री बनने वाले मुद्दे को भी इस इंटरव्यू में साफ कर दिया मांझी ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव में नीतीश सरकार ने खराब प्रदर्शन किया जिससे मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने का आवाज़ उठाने लगी तभी उन्होंने मुझे मोहरा के रूप में उपयोग किया की इसे CM बनाकर मनमाने तरीके से इसका उपयोग किया जाए। मैंने अपना ढंग से जब कार्य करना शुरू किया तो गैर कानूनी ढंग से मुझे CM पद से हटा दिया। उन्होंने सम्मान भी दिया और अपमान भी खूब किया।