बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफा के बाद अल्पसंख्यक समाज का मंत्रालय खाली हो गया। इसके बाद बिहार के राजनीति में एक नाम खूब चर्चा और सुर्खी का विषय बना है वह नाम ‘रत्नेश सदा’ है। सदा सहरसा जिले के सोनबरसा सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा आये हैं। अब 16 जून को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होना है। सदा निहायती गरीब और किसान परिवार से आते हैं विधायिकी से पहले वह लंबे वक़्त तक रिक्शा चालक के रूप में कार्य करते थे। सदा ग्रेजुएट हैं। काफी नम्र और सरल स्वभाव के सदा अब बिहार में मंत्री के रूप में जाने जाएंगे। लगातार मीडिया से बातचीत कर रहे रत्नेश सदा आपबीती सुनाने के क्रम में उनकी आँखें नम हो जा रही है। उन्होंने कहा कि अचानक संसदीय कार्य मंत्री का फोन आता है कि सदा जी क्या कर रहे हैं? मैंने कहा कि रात भर सोए नहीं अब जा रहे हैं आराम करने, तभी उन्होंने कहा कि आज रात दस बजे तक आ जाइए।
फिर CM नीतीश जी का फोन आता है कि आज शाम 6 बजे आ जाइए, तभी मैंने कहा कि मैं 5.30 बजे आ जाऊंगा। अब तो शपथ ग्रहण का सूचना भी राजभवन से आ गया है। वहीं जीतन राम मांझी और उनके पुत्र संतोष सुमन को लेकर काफी तल्ख तेवर अपनाते हुए सदा ने कहा की मांझी और उनके पुत्र को नीतीश कुमार ने बहुत कुछ दिया आज उनके पुत्र संतोष मांझी का नाम जीतन राम मांझी नाम के बाद आता है। मेरा नाम किसी के सहारे नहीं है। किसी का हाथ मुझ पर नहीं है। मांझी का लंबा समय राजनीति में गुजरा है उन्होंने अपने समाज के लिए क्या किया है? दलित समाज के लिए मांझी कुछ नहीं किया है।

Author: Neutral Journalism



