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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का प्रस्ताव कैबिनेट पास हो गया, CM चलाएंगे अभियान।

बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा दिलाने का मांग समय-समय पर JD(U), RJD समेत कई विपक्षी पार्टियां उठाती रही है। खुद खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे को मुखरता से उठाते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों पहले भी नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देती है तो इसका मतलब है कि वह बिहार का हित नहीं चाहते हैं। इसलिए अब हम सभी जगहों पर ‘विशेष राज्य का दर्जा दो’ केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करेंगे। वहीं बुधवार को राज्य कैबिनेट से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग प्रस्ताव पास हो गया है। CM ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए बिहार में जातीय आधारित गणना कराने के बाद उपेक्षितों उनकी हक दिलाने के लिए सभी मसलों पर क्रियान्वयन किया जायेगा। योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य को अधिक आर्थिक सहायता की जरूरत है। 94 हजार गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। आवास हीन और जमीन हीन लोगों को भी आर्थिक सहायता दिये जायेंगे। इन तमाम कार्यों को अमली जामा पहनाने में 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इन कार्यों को करने में तकरीबन 5 साल का समय लग जाएगा। अगर केंद्र सरकार हमारी मांग को पूरा कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देती है तो हम जल्द अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर लेंगें। 

प्रस्ताव पारित होने के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया 

तेजस्वी यादव :

केंद्र सरकार को जल्द बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देनी चाहिए। बिहार ही एक ऐसा राज्य बना जिसके पास अपनी आवादी का एक वैज्ञानिक आंकड़ा है। आज के तारीख में विकासीय दृष्टिकोण से यह आंकड़ा होना काफी जरूरी है। अब आंकड़ों में स्पष्ट आ गया है कि हर वर्ग में गरीबी और बेरोजगारी है। इसे दूर करने के लिए केंद्र सरकार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। कमोवेश यही बातें मंत्री विजय चौधरी और विजेंद्र यादव ने भी रखा।