Neutral Journalism

अमितशाह के बयान के बाद क्या नीतीश फिर पलट देंगे सरकार। लालू और तेजस्वी गए नीतीश को मनाने? 

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। एक तरफ जहाँ राहुल गांधी अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लेकर मणिपुर से महाराष्ट्र का दौरा करने वाले हैं, इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि इस यात्रा से पहले कांग्रेस को सीट शेयरिंग कर लेना चाहिए क्योंकि यह यात्रा कई राज्यों को छूकर निकलने वाली है। अगर सीटों का समीकरण सभी दलों के साथ कांग्रेस फाइनल कर देती है तो अन्य पार्टियां भी इस यात्रा में शरीक होगी, जिससे यह साझा विपक्ष की यात्रा लगेगी।

नीतीश काफी नाराज हैं? :

इंडिया गठबंधन का सूत्रधार नीतीश कुमार को ही कहा जाता है। उन्होंने ही अपने अथक प्रयास से सभी विरोधी दलों को एक छत के नीचे एकत्रित किया था। लेकिन अब नीतीश कुमार को खासा तरजीह इस गठबंधन में नहीं दिया जा रहा है। वर्चुअल मीटिंग में नीतीश को संयोजक बनाने की बात पर मुहर लग गयी थी, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि इनके नाम पर ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं और अखिलेश यादव भी मीटिंग से जुड़े नहीं हैं। इस पर JD(U) के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। JD(U) सूत्रों की माने तो खुद नीतीश कुमार ने कहा कि हमने इस पद के लिए ना तो आवेदन किया था और ना ही इसे लेने की मेरे भीतर कोई लालसा है। आप कांग्रेस में से ही कोई नेता गठबंधन का संयोजक और अध्यक्ष बन जाएं। रही बात संयोजक की तो लालू जी को ही बना दीजिए। इनता कहने के बाद नीतीश कुमार ने मीटिंग से खुद दूर कर लिये। 

तब से अटकलों से बाजार काफी गर्म है कि नीतीश पुनः NDA के साथ जा सकते हैं। 

क्या नीतीश का फिर मन डोल रहा है? :

वर्चुअल मीटिंग के बाद नीतीश कुमार का मन बदला-बदला नजर आ रहता है। 15 जनवरी को राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज में नीतीश पूर्व के जैसे सामने के दरवाजा से नहीं गए, वह राबड़ी आवास के पिछले दरवाजे से भीतर गए। लालू यादव ने भी अन्य वर्षों के भाँति दही का टीका उन्हें नहीं लगाया। फिर नीतीश अपने नेताओं के साथ पिछले दरवाजे से निकले। वहीं अपनी पार्टी JD(U) कोटे से मंत्री रत्नेश सदा के आवास पर नीतीश कुमार ने 15 मिनट बिताए। तभी से कयासों का बाजार में काफी तपिश बढ़ता जा रहा है। 

JD(U) सूत्रों की मानी तो कल पार्टी अध्यक्ष के आदेश पर सभी विधायकों और मंत्रियों को पटना में रहने का आदेश दिया गया। जिससे बिहार का सियासी परा चरम पर आ गया है। 

BJP भी तमाम घटनाक्रम को देखते हुए नीतीश कुमार पर तल्ख बयान देने से बच रही है और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के घर पर पार्टी अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई गयी है। 

BJP ने खोला नीतीश के लिए अपना द्वार :

कई BJP नेताओं ने अपने तल्ख बयान को नम्र किया है। 

एक समाचार पत्रिका को इंटरव्यू देते हुए अमित शाह से जब पत्रकार ने सवाल किया कि अगर आपके पुराने सहयोगी वापस आना चाहेंगे तो आप क्या करेंगे? 

गृह मंत्री शाह ने कहा कि राजनीति अगर-मगर से नहीं होती। यदि उनके तरफ से ऐसा प्रस्ताव आता है तो जरूर हम विचार करेंगे। 

  1. रामकृपाल यादव ने कहा कि अगर पुनः नीतीश आते हैं तो ना सिर्फ उनका स्वागत करूँगा बल्कि गले भी लगाऊंगा। 
  2. नीतीश के द्वारा संयोजक पद ठुकराने पर विजय सिन्हा ने कहा कि वह त्यागी पुरुष हैं।
  3. जीतन राम मांझी लगातार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार का चरित्र वैसा हो गया है वह कभी भी कुछ कर सकते हैं। मांझी ने अपने विधायकों को भी अलर्ट कर दिया है। 
  4. संतोष मांझी : नीतीश कुमार अगर आते हैं तो हम सभी सब ठीक कर देंगे यानी सीट पर भी आसानी से अपनी सहमति बना लेंगे। 
  5. उपेंद्र कुशवाह : अगर नीतीश NDA में आने का मन बनाते हैं तो मैं BJP शीर्ष नेतृत्व के सामने उनकी पैरोकारी करूँगा। 

नीतीश से मिलने आये लालू और तेजस्वी यादव :

तमाम अटकलों के बीच लालू और तेजस्वी यादव ने एक अणे मार्ग स्थित CM आवास जाकर नीतीश कुमार से मिले। माना जा रहा है कि यह मीटिंग बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर हुआ है। तीनों नेताओं के बीच यह बैठक तकरीबन 50 मिनट तक चलती रही। मीटिंग से बाहर आते ही तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसमें चौंकने की बात क्या है नीतीश जी मुख्यमंत्री हैं, मैं उप मुख्यमंत्री हूँ। सरकार के कामों को लेकर बातें होती रहती है। हर पॉलिसी पर बात हुई है। हम सभी एकजुट हैं। जो मीडिया में भ्रम पैदा किया जा रहा है उसका कोई आधार नहीं है। आप सभी को जो अच्छा लगता है कीजिये। BJP को हारना तय है। कोई इफ और बट की बात नहीं है। बिहार से BJP का पत्ता साफ हो जायेगा। रही बात सीट शेयरिंग पर तो जहाँ JD(U) लड़ेगी वहाँ RJD भी साथ रहेगी। आप सभी बस सीट शेयरिंग पर सवाल पूछते हैं NDA में सीट शेयरिंग को लेकर सब साफ हुआ है क्या ? यह सवाल BJP से क्यों नहीं पूछते हैं। नीतीश जी के नेतृत्व में हमारी सरकार एक जुट है।