जहाँ एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के मुहिम में देश के सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं वहीं उन्हीं के पार्टी के नेता लगातार छिटक रहे हैं, कभी RCP सिंह तो कभी उपेंद्र कुशवाहा और अब फिर महागठबंधन के घटक दल ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ (HAM); जीतन राम मांझी की पार्टी ने महागठबंधन से अपना रिश्ता तोड़ लिया। कुछ दिन पहले मांझी के नीतीश कुमार को लेकर काफी प्रशंसा करते हुए कहा था कि “हम 5-7 लोकसभा सीटों पर अपनी तैयारी कर चुके हैं, अगर मुझे महागठबंधन से एक भी सीटें नहीं भी मिलती है तभी मैं नीतीश जी के साथ हूँ।” कुछ दिन पहले श्री मांझी ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात किया, इसके बाद बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी से भी अपने आवास पर मुलाकात किया था।
संतोष सुमन(अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बिहार) ने दिया इस्तीफा :
आज दोपहर मांझी के पुत्र संतोष सुमन(अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बिहार) ने बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप कर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिनमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गहरे आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि “एक ही कारण है हमने आनन-फानन में दरभंगा यात्रा को रद्द किया उसके बाद कोर कमेटी की बैठक हुई, हमारे पास एक प्रस्ताव आया था कि हमारी पार्टी यानी HAM को JD(U) में विलय करना। हमने उस प्रस्ताव को इनकार किया और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हम और हमारे नेता जीतन राम मांझी दोनों आदरणीय नीतीश जी का काफी सम्मान करते है, दोनों पार्टियों के बीच लंबे समय तक बातचीत हुई, जिसमें नीतीश कुमार भी मौजूद थे। इस प्रस्ताव से हमारा अस्तित्व ही खतरे में था, जब पार्टी का अस्तित्व ही नहीं रहेगा तो फिर क्या रहेगा! हमने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।”
शेर के मुँह खुद को निकाला :
एक उदाहरण देते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहता है, शेर से सभी छोटे जानवर भागते रहते है, हमने अपना प्राण बचाया है।
(शेर : JD(U), छोटा जानवर : HAM)
विपक्षी एकता को लेकर क्या कहा :
पत्रकारों का जवाब देते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सभी पार्टियों को बुलाया गया परंतु हमें नहीं बुलाया गया। हमें तवज्जो नहीं दिया गया।
NDA में शामिल होने के सवाल पर :
संतोष मांझी (पूर्व मंत्री बिहार) ने कहा कि इस मैटर पर हमारी बात कहीं नहीं हो रही है, हम स्वतंत्र हैं, अलग भी चुनाव लड़ सकते है। हम पहले अपना अस्तित्व बचायेंगे, आज भी हम महागठबंधन में रहना चाहते हैं।