रिपोर्ट : सानु झा
बिहार में चल रहे बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार समेत NDA गठबंधन पर लगातार प्रहार करते रहे। उन्होंने सबसे पहले राज्यपाल के अभिभाषण को कंफ्यूज करने वाला तथा विगत कई वर्षों से एक ही भाषण की कॉपी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय को किसी ने लिख कर दे दिया होगा और वह पढ़ दिये। आज लालू जी के शासन के बाद इन 20 सालों में क्या सब हुआ सबकी सच्चाई रखने वाला हूँ। सम्राट् चौधरी को हमारे पिता ने बनाया है, सबसे पहले मेरे पिता ने ही इन्हें मंत्री बनाया और फिर बवाल हो गया था। यह असली भाजपाई नहीं हैं, ये तो इन पाँच सालों में बने हैं। विजय सिन्हा ने वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर बोल था कि “जब तक BJP का अपना CM नहीं बनेगा तब तक अटल जी का सपना पूरा नहीं होगा।” वहीं सम्राट चौधरी ने कहा अभी नीतीश जी को 15 साल और राज करना। दोनों उप मुख्यमंत्री में एकता नहीं है। भाजपा कब तक नीतीश जी का चेहरा लेकर घूमते रहेगी? कहती है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और अभी तक अपना CM चेहरा नहीं है। आज जो सवाल मैं पूछने जा रहा हूँ मैं उम्मीद करूँगा कि उन सभी सवालों का जवाब CM दें। लेकिन वह तो एक ही रट लगाए रहते हैं कि “पहले कुछ था; ये सब तो 2005 के बाद हुआ है।” आज मैं बताता हूँ कि 2005 से पहले नीतीश कुमार 55 साल के थे, वह इंजीनियर बन गए थे। 2005 से पहले कॉलेज था, विधानसभा था, 2005 से पलटूराम कहने से सदस्यता नहीं जाती थी। अपराध आज हो रहा है और दोष 15 साल पहले की सरकार को देते हैं। हमारी सरकार आई तो हम किसी को दोष नहीं देगें और बिहार हो अग्रणी राज्य बनायेंगे। CM को अपने कार्यकाल का ब्यौरा देना चाहिए। बिहार प्रतिव्यक्ति आय में पिछड़ी है इसपर मुझे चार लाइन कहना है कि “सरकार खटारा, सिस्टम नकारा, मुख्यमंत्री थकाहारा और आम आदमी घूम रहा मारा-मारा है।” यही असलियत है। 2005 से पहले लालू जी दिल्ली से लड़कर बिहार का हिस्सा लेकर आते थे। मुसलमानों में झगड़े नहीं होते थे। लालू जी ने पिछड़ों को मुख्यधारा से जोड़े। सम्राट् चौधरी के पिता नीतीश जी को अपशब्द बोलते थे, नीतीश जी के पुत्र पर उनके पिता क्या कहते थे, सबको पता है। 2005 से पहले वाले ही नियुक्त आज विभिन्न विभागों में अधिकारी मौजूद है। आज मुख्यमंत्री जी गौण और मौन हैं। लालू जी की ही देन हैं कि आज आपलोग यूनिवर्सिटी से पढ़कर आएं हैं। मेडिकल सेक्टर में हम अपने कार्यकाल में बहाली लाने वाले थे, लेकिन मुझे रोक दिया गया। आज लालू जी को गाली देकर लोग नेता बन गए हैं। आज लालू जी को ये लोग ‘चारा चोर’ कहते हैं लेकिन जगन्नाथ मिश्र को क्यों नहीं कहते? इस सरकार में सृजन घोटला, पूल गिर रहा है, अपराध चरम पर है और पेपर लीक हो रहा है। आज BPSC के छात्रों से सरकार क्यों नहीं मिल रही है। नीतीश जी पर एक नारा फीट बैठता है “सब जाए भाड़ में अपन कुर्सी के जुगाड़ में।” BJP वाले कहते हैं कि हम परिवारवाद के विरोधी हैं लेकिन आज इस सदन में सभी परिवादवादी भरे पड़े हैं।

Author: Neutral Journalism



